My writings can be read here मेरे लेख मेरे विचार, Awarded By ABP News As best Blogger Award-2014 एबीपी न्‍यूज द्वारा हिंदी दिवस पर पर श्रेष्‍ठ ब्‍लाॅग के पुरस्‍कार से सम्‍मानित

रविवार, 17 अगस्त 2014

My few children books



'सिन्दबाद के सात समुद्री सफर' 'अरेबियन नाईट्स' की सर्वाधिक प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। ये कथाएं एशिया की किस्सागोई की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा का ऐसा उदाहरण हैं, जिनकी लोकप्रियता आज भी जस की तस है। इन कथाओं में तत्कालीन अरब-समाज के वैभवपूर्ण जीवन की झलक मिलती है। सिन्दबाद के समुद्री सफर की ये कहानियां अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोखिम उठाने को प्रेरित करती हैं और बताती हैं कि भविष्य की सुख-शान्ति और सम्पन्नता वर्तमान के कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है।

इन बहुचर्चित कहानियों का प्रस्तुत संस्करण तैयार किया है युवा साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी ने। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। पत्रकारिता का भी उन्हें लम्बा अनुभव है। - See more at: http://www.printsasia.com/book/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C-%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80-8189914146-9788189914141#sthash.2M7gGMKL.dpuf
पठनीय और संग्रहणीय पुस्तकें

'सिन्दबाद के सात समुद्री सफर' 'अरेबियन नाईट्स' की सर्वाधिक प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। ये कथाएं एशिया की किस्सागोई की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा का ऐसा उदाहरण हैं, जिनकी लोकप्रियता आज भी जस की तस है। इन कथाओं में तत्कालीन अरब-समाज के वैभवपूर्ण जीवन की झलक मिलती है। सिन्दबाद के समुद्री सफर की ये कहानियां अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोखिम उठाने को प्रेरित करती हैं और बताती हैं कि भविष्य की सुख-शान्ति और सम्पन्नता वर्तमान के कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है।

इन बहुचर्चित कहानियों का प्रस्तुत संस्करण तैयार किया है युवा साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी ने। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। पत्रकारिता का भी उन्हें लम्बा अनुभव है। फिलहाल वे नेशनल बुक ट्रस्ट में कार्यरत हैं - See more at: http://www.printsasia.com/book/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C-%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80-8189914146-9788189914141#sthash.2M7gGMKL.dpuf
'सिन्दबाद के सात समुद्री सफर' 'अरेबियन नाईट्स' की सर्वाधिक प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। ये कथाएं एशिया की किस्सागोई की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा का ऐसा उदाहरण हैं, जिनकी लोकप्रियता आज भी जस की तस है। इन कथाओं में तत्कालीन अरब-समाज के वैभवपूर्ण जीवन की झलक मिलती है। सिन्दबाद के समुद्री सफर की ये कहानियां अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोखिम उठाने को प्रेरित करती हैं और बताती हैं कि भविष्य की सुख-शान्ति और सम्पन्नता वर्तमान के कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है।

इन बहुचर्चित कहानियों का प्रस्तुत संस्करण तैयार किया है युवा साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी ने। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। पत्रकारिता का भी उन्हें लम्बा अनुभव है। फिलहाल वे नेशनल बुक ट्रस्ट में कार्यरत हैं - See more at: http://www.printsasia.com/book/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C-%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80-8189914146-9788189914141#sthash.2M7gGMKL.dpuf
पुस्तक परिचय
अमर शहीद खुदीराम बोस (जीवनी):पंकज चतुर्वेदी ,पृष्ठ :24 , मूल्य : 11 रुपये ,संस्करण :2010, प्रकाशक : नेशनल बुक ट्र्स्ट ,इण्डिया नेहरू भवन 5 , इन्स्टीट्यूशनल एरिया , फेज़-2 ,वसन्त कुंज , नई दिल्ली-110070
11अगस्त 1908 की सुबह किशोर खुदीराम बोस को फाँसी दे दी गई । अवस्था 19 वर्ष ।किंग्सफोर्ड को बम विस्फोट से मारने का प्रयास किया । उस दिन बग्घी में किंग्सफोर्ड नहीं थे, उनके स्थान पर उनके मित्र की पत्नी और बेटी मारी गई ।मुज़फ़्फ़रपुर के इस काण्ड  में खुदीराम को फाँसी की सजा सुनाई गई । मुज़फ़्फ़रपुर जेल के जल्लाद ने खुदीराम को फाँसी का फ़न्दा लगाने से मना कर दिया तो अलीपुर जेल के जल्लाद को बुलाया गया ।1857 के बाद का यह सबसे बलिदानी था । देश प्रेम की भावना इनकी नस-नस में समाई हुई थी ।पंकज चतुर्वेदी ने बहुत ही रोचक और सरल भाषा में खुदीराम बोस के जीवन और त्याग का चित्रण किया है ।यह पुस्तक किशोरों के लिए पठनीय ही नही वरन् संग्रहणीय भी है ।
विपिन चन्द्र पाल (जीवनी):पंकज चतुर्वेदी ,पृष्ठ :24 , मूल्य : 11 रुपये ,संस्करण :2010, प्रकाशक : नेशनल बुक ट्र्स्ट ,इण्डियानेहरू भवन 5 , इन्स्टीट्यूशनल एरिया , फेज़-2 ,वसन्त कुंज , नई दिल्ली-110070
सशस्त्र विद्रोह के हिमायती विपिन चन्द्र पाल ने वन्देमातरम् का नारा लगाने वाले पत्रकारों की पिटाई से व्यथित होकर वन्देमातरम्अखबार शुरू करने का निश्चय किया । रवीन्द्र नाथ टैगौर और अरविन्द घोष ने इस कार्य में भरपूर सहयोग किया ।अपनी कलम से विपिनचन्द्र पाल ने आज़ादी के साथ -साथ सामाजिक चेतना जगाने का काम भी किया ।रूढ़ियों का विरोध कलम के द्वारा तो किया ही अपने जीवन में भी उन आदर्शों का पालन किया । सम्पादन के क्षेत्र में इनका विशिष्ट कार्य सदा याद किया जाएगा ।लन्दन से प्रकाशित अंग्रेज़ी पत्र स्वराज का सम्पादन किया  । अंग्रेज़ी मासिक हिन्दू रिव्यूकी स्थापना की इलाहाबाद से मोती लाल नेहरू द्वारा प्रकाशित डेमोक्रेटसाप्ताहिक का भी सम्पादन किया । बहुमुखी प्रतिभा के धनी विपिन चन्द्र पाल का जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए अनुकरणीय है । इस छोटी -सी पुस्तक में पंकज चतुर्वेदी जी ने  इनके जीवन के विभिन्न आयामों को बखूबी सहेजा है ।इस तरह की पुस्तकों की आज के दौर में ज़्यादा ज़रूरत है ।
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Saturday, August 13, 2011

कहाँ गए कुत्ते के सींग ?
पहले दुनिया ऐसी नहीं थी; यह बात वैज्ञानिक भी मानते हैं और समाज भी। पूर्वोत्तर राज्यों में यह मान्यता है कि पहले कुत्ते के सींग होते थे। फिर वे सींग गए कहाँ ? कहीं तो गए होंगे ना ? यह पुस्तक नगालैण्ड की एक ऐसी ही मान्यता पर आधरित है।

लो गर्मी आ गई
मौसम का बदलना महसूस करना बेहद जटिल है। कहा नहीं जा सकता कि कल से अमुक ऋतु आ जाएगी। लेकिन भारतीय वार-त्योहार बदलते मौसम की ओर इशारा करते हैं। रंगों का त्योहार होली किस तरह से गर्मी के आने की दस्तक देता है ? जरा इस पुस्तक के रंगों में डूब कर तो देखो !

दूर की दोस्त
चिड़िया भी आसमान में उड़ती है और वायुयान भी, लेकिन दोनों एक दूसरे को देख कर दूर भागते हैं। यह कहानी है ऐसी ही दूर की दोस्ती की।

पहिया

गाँव के बच्चे का खिलौना, दोस्त, हमराही ; सभी कुछ एक उपेक्षित सा पड़ा पहिया बन जाता है। एक पहिए की नजर एक गाँव का सफर ।
Tuesday, May 24, 2011

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
रेल भारती , मार्च -अप्रैल 2011 




चंदा और खरगोश :पंकज चतुर्वेदी
चित्रांकन :अजीत नारायण
प्रकाशक :Pratham Books 930,4rth Cross Ist Main, MICO Layout,Stage 2,Bangalore 560076

चन्दा और खरगोश एक छोटी सी कथा है-खरगोश के धरती पर आने की ।खरगोश ठहरा बच्चा । चाँद पर रहता है उसके साथ-साथ । ।दोनों में गहरी दोस्ती है । धरती, हरे-भरे पेड़ ,नीला समुद्र हमेशा उसे लुभाते रहते हैं; इसीलिए वह हमेशा नीचे झाँकता रहता है । चाँद उसे ऐसा करने से मना करता है ;पर वह मानता नहीं । चाँद पर तेज आँधी चलती है ।झाँकते समय एक दिन वह गिर पड़ता है और कई साल तक हवा में तैरते हुए धरती पर उतर आता है। चाँद पर रहते हुए तो वह हाथी जितना बड़ा था ;लेकिन धरती पर आते-आते बहुत छोटा हो जाता है ।बाल भी टूट्कर छोटे हो जाते हैं ।
चाँद को खरगोश आज तक नहीं भूल पाया है ।उसकी लाल-लाल आँखों इस बात की गवाह हैं ।
अजीत नारायण के चित्रों का वैविध्य इस कहानी में और भी चार चाँद लगा देते हैं ।



खुशी : पंकज चतुर्वेदी
चित्रांकन :अजीत नारायण
प्रकाशक :Pratham Books 930,4rth Cross Ist Main, MICO Layout,Stage 2,Bangalore 560076
बच्चों के लिए लिखना सबसे कठिन कार्य है ।बच्चे जितने छोटे उनके भाषा-ज्ञान ,मनोविज्ञान के अनुरूप लेखन उतना ही चुनौती-भरा है।पंकज चतुर्वेदी जी ने मुनिया और राजू के पतंग उड़ाने के प्रसंग को रोचक , सरल और सहज भाषा में पिरोकर प्रस्तुत किया है । उड़ाते समय पतंग पेड़ में फँस जाती है और झटका देने पर टूट जाती है। बाँस से निकालने के प्रयास में पतंग तो निकलती नहीं ,ऐसे में कुछ आम टूट्कर गिर जाते हैं ।राजू और मुनिया आम खाकर खुश हो जाते हैं ।
आगे चिड़िया का बच्चा पतंग की डोर को मुँह से पकड़कर उड़ने का मज़ा लेता है ।पतंग उसकी चोंच से छूटती है तो खरगोश को मिल जाती है ;लेकिन उठाते समय उसके तीखे नाखूनों से फट जाती है ।
खरगोश रोने लगता है तो उसकी माँ फटी पतंग की झण्डियाँ बनाकर दरवाज़े को सजा देती है ।
इस प्रकार एक पतंग सबको खुशी प्रदान करती है ।शब्दाडम्बर से दूर यह किताब शिशु वर्ग को रिझाने में सफल है ।इस छोटी सी रोचक कथा को अजीत नारायण ने अपने चित्रांकन से सजाकर और भी रोचक बना दिया है ।



बस्ते से बाहर कॉपी पेंसिल
लेखक :श्री पंकज चतुर्वेदी
चित्रांकन :श्री मेहुल
मूल्य : 40 रुपये , पृष्ठ : 16 (कवर सहित)
प्रकाशक : रूम टू रीड इंडिया पब्लिकेशंस
ई-18 ए ईस्ट ऑफ़ कैलाश नई दिल्ली ११००६५
        'बस्ते से बाहर कॉपी पेंसिल' पुस्तक नई कल्पना को सँजोकर लिखी है । जो आम तौर पर बाल साहित्य लिखा जा रहा है , यह पुस्तक पुस्तक उससे हटकर है ।बस्ते में बन्द कॉपी और पेंसिल में विवाद होता है । बस्ता परेशान हो उठा ।उसने दोनों को बस्ते से बाहर निकलकर दौड़ लगाने के लिए कहा । जो सबसे तेज़ दौड़ेगा , वही अव्वल माना जाएगा। दोनों का अपना-अपना अहंकार है ।दोनों बस्ते से बाहर निकल कर दौड़ पड़ते हैं और आँधी में फँस जाते हैं। कॉपी जब उड़ने लगी तो पेंसिल उस पर सवार होकर उसे बचा लेती है। साथ ही चाँदनी रात का मज़ा भी लेती है । जान बचाने पर कॉपी पेंसिल को धन्यवाद देती है।
          परोक्ष रूप में साथ-साथ रहने एवं सामंजस्य का निर्वाह करने को महत्त्व प्रदान किया गया है ।बाल-मन की उड़ान को पंकज जी ने कथासूत्र में बाँधकर प्रस्तुत किया है ।लेखक इस कार्य में सफल हुआ है कि बच्चों के परिवेश की कहानी उनसे सर्वाधिक निकट होती है ।यह पुस्तक प्रकाशन के –'शिक्षा वह माध्यम है जिसका उपयोग वे जीवन भर करते हैं।' उद्देश्य को एवं स्वस्थ चिन्तन को विकसित करने में सक्षम है । चित्रांकन कहानी के अनुरूप एवं प्रभावशाली है ।



"कहानी कहने की कला " मेरे द्वारा सम्पादित पुस्तक में डॉ. हरी कृष्ण देवसरे, प्रो. कृष्ण कुमार. रामेश्वर कम्बोज "हिमांशु", प्रोफ. रामजन्म शर्मा , स्मिता मिश्र, अरुणा मिश्र और मेरा आलेख . यह पुस्तक कहानी सुनाने के हेर पहलु, तकनीक, प्रभाव पर चर्चा करती हें. इसे राष्ट्रीय पुस्तक न्यास यानि नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाशित किया हें, कीमत हें ७०.०० रूपये



'सिन्दबाद के सात समुद्री सफर' 'अरेबियन नाईट्स' की सर्वाधिक प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। ये कथाएं एशिया की किस्सागोई की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा का ऐसा उदाहरण हैं, जिनकी लोकप्रियता आज भी जस की तस है। इन कथाओं में तत्कालीन अरब-समाज के वैभवपूर्ण जीवन की झलक मिलती है। सिन्दबाद के समुद्री सफर की ये कहानियां अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोखिम उठाने को प्रेरित करती हैं और बताती हैं कि भविष्य की सुख-शान्ति और सम्पन्नता वर्तमान के कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है।

इन बहुचर्चित कहानियों का प्रस्तुत संस्करण तैयार किया है युवा साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी ने। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। पत्रकारिता का भी उन्हें लम्बा अनुभव है।

Publisher:Remadhav Publications ISBN-10:8189914146 - See more at: http://www.printsasia.com/book/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C-%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80-8189914146-9788189914141#sthash.2M7gGMKL.dpuf

  प्रकाशक रेमाधव प्रकाशन
'सिन्दबाद के सात समुद्री सफर' 'अरेबियन नाईट्स' की सर्वाधिक प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। ये कथाएं एशिया की किस्सागोई की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा का ऐसा उदाहरण हैं, जिनकी लोकप्रियता आज भी जस की तस है। इन कथाओं में तत्कालीन अरब-समाज के वैभवपूर्ण जीवन की झलक मिलती है। सिन्दबाद के समुद्री सफर की ये कहानियां अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोखिम उठाने को प्रेरित करती हैं और बताती हैं कि भविष्य की सुख-शान्ति और सम्पन्नता वर्तमान के कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है।

इन बहुचर्चित कहानियों का प्रस्तुत संस्करण तैयार किया है युवा साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी ने। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। पत्रकारिता का भी उन्हें लम्बा अनुभव है। फिलहाल वे नेशनल बुक ट्रस्ट में कार्यरत हैं - See more at: http://www.printsasia.com/book/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C-%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80-8189914146-9788189914141#sthash.2M7gGMKL.dpuf










'सिन्दबाद के सात समुद्री सफर' 'अरेबियन नाईट्स' की सर्वाधिक प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। ये कथाएं एशिया की किस्सागोई की सदियों पुरानी समृद्ध परम्परा का ऐसा उदाहरण हैं, जिनकी लोकप्रियता आज भी जस की तस है। इन कथाओं में तत्कालीन अरब-समाज के वैभवपूर्ण जीवन की झलक मिलती है। सिन्दबाद के समुद्री सफर की ये कहानियां अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोखिम उठाने को प्रेरित करती हैं और बताती हैं कि भविष्य की सुख-शान्ति और सम्पन्नता वर्तमान के कठोर परिश्रम पर निर्भर करती है।

इन बहुचर्चित कहानियों का प्रस्तुत संस्करण तैयार किया है युवा साहित्यकार पंकज चतुर्वेदी ने। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। पत्रकारिता का भी उन्हें लम्बा अनुभव है। फिलहाल वे नेशनल बुक ट्रस्ट में कार्यरत हैं - See more at: http://www.printsasia.com/book/%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C-%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80-8189914146-9788189914141#sthash.2M7gGMKL.dpuf

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